एक्यूप्रेशर एक प्रकार की चिकित्सा पद्धति है जिसमें शरीर के विभिन्न स्थानों पर स्थित पॉइंट को दबाकर सेहत की समस्याओं को हल किया जा सकता है। दरअसल ये पॉइंट्स उस स्थानों से आंतरिक रूप से संबंध रखते हैं, जहां आपको समस्या हो रही है। जानिए एक्यूप्रेशर के कुछ ऐसे टिप्स, जो आपके लिए काफी मददगार और लाभदायक होंगे -
1 अगर आपको सिरदर्द, तनाव, चक्कर आना, दिमागी असंतुलन या फिर नाक, कान व आंख संबंधी समस्याएं होती हैं, तो कान के पीछे की तरह जो अंदर झुका हुआ भाग है, उसे दबाने से लाभ होगा।
2 कोलेस्ट्रॉल, गले की समस्या, हिचकी आना, उल्टी, ब्लडप्रेशर और प्रतिरोधक क्षमता से जुड़ी समस्याओं में हाथ का मुड़ने वाला भाग यानि कोहनी के पीछे वाला हिस्सा दबाने से लाभ होगा।
3 दांत दर्द की समस्या होने पर हथेली को उल्टा करके तर्जनी और अंगूठे के बीच का हिस्सा दबाएं। इसके अलावा आंखों की बाहरी रेखा की सीध में जबड़े पर दो बिंदु हैं जिन्हें दबाने पर लाभ होगा।
4 घुटनों का दर्द, जकड़न, सूजन आदि होने पर acupressure points in hindi घुटने के आगे की ओर स्थित पॉइंट को आगे, पीछे, दाएं और बाएं, चारों ओर दबाएं। वहीं एड़ी के पास पैर के तलवे के बिंदु पर दबाव डालना भी लाभकारी होगा।>
5 थायराइड की समस्या होने पर दोनों हाथों और दोनों पैरों के अंगूठे के ठीक नीचे ऊपर उठे हुए भाग पर दबाव डालें। इसे झाड़ी की सुई की दिशा में बनाएं और छोड़ दें। ऐसा कुछ समय तक करते रहें।
एक्यूप्रेशर भारत में नया नाम नहीं है। शरीर के प्रमुख बिंदुओं पर मसाज करने से दर्द को राहत दिलाने वाली इस पद्धति की शुरुआत चीन से हुई थी। जिसका मतलब अंग्रेजी में 'प्वाइंट्स' होता है। वैकल्पिक चिकित्सा में यह पद्धति लंबे समय से मौजूद है।
एक्यूप्रेशर और एक्यूपंचर दोनों एक ही तरह की पद्धति होती है। इसमें अंतर सिर्फ इतना माना जाता है कि एक्यूपंचर में प्रेशर प्वाइंट्स पर सुई चुभोते है वहीं एक्यूप्रेशर में उन्हीं पर हाथ से मसाज या किसी एक्यिुपमेंट के जरिये करते है।
पैरों और हाथों के पॉइंट्स को दबाते हैं तो रिफ्लेक्सॉलजी कहलाता है, जबकि मसाज के जरिए पूरे शरीर के पॉइंट्स दबाने को शियात्सु कहते हैं। इनमें बेशक इलाज में ज्यादा वक्त लगता है, लेकिन कोई साइड इफेक्ट नहीं होता।
साल 2015 में जार्जटाउन की एक शोध के मुताबिक चूहों के शरीर के प्रमुख प्वाइंट्स पर प्रेशर डालने से उनके दिमाग के तनाव में कमी आती है और दर्द कम होता है। हालांकि मानव शरीर पर इसका क्या असर होता है, इस बारे में उन्होंने कुछ नहीं लिखा था।
एक्यूप्रेशर भारत में नया नाम नहीं है। शरीर के प्रमुख बिंदुओं पर मसाज करने से दर्द को राहत दिलाने वाली इस पद्धति की शुरुआत चीन से हुई थी। जिसका मतलब अंग्रेजी में 'प्वाइंट्स' होता है। वैकल्पिक चिकित्सा में यह पद्धति लंबे समय से मौजूद है।
एक्यूप्रेशर और एक्यूपंचर दोनों एक ही तरह की पद्धति होती है। इसमें अंतर सिर्फ इतना माना जाता है कि एक्यूपंचर में प्रेशर प्वाइंट्स पर सुई चुभोते है वहीं एक्यूप्रेशर में उन्हीं पर हाथ से मसाज या किसी एक्यिुपमेंट के जरिये करते है।
पैरों और हाथों के पॉइंट्स को दबाते हैं तो रिफ्लेक्सॉलजी कहलाता है, जबकि मसाज के जरिए पूरे शरीर के पॉइंट्स दबाने को शियात्सु कहते हैं। इनमें बेशक इलाज में ज्यादा वक्त लगता है, लेकिन कोई साइड इफेक्ट नहीं होता।
साल 2015 में जार्जटाउन की एक शोध के मुताबिक चूहों के शरीर के प्रमुख प्वाइंट्स पर प्रेशर डालने से उनके दिमाग के तनाव में कमी आती है और दर्द कम होता है। हालांकि मानव शरीर पर इसका क्या असर होता है, इस बारे में उन्होंने कुछ नहीं लिखा था।
थॉयराइड हार्मोंस बैलेंस- थॉयराइड आज लोगों के बीच एक आम समस्य़ा है। इस बीमारी से पीड़ित लोगों का पूरा जीवन अक्सर दवाइयों के सहारे ही बीत जाता है। अगर आपको भी यही समस्या है तो अपनी हथेली के हिस्से को पांच मिनट तक दबाते रहे। यह थॉयराइड हार्मोंस को संतुलित रखने में मदद करता है। साथ ही इससे हेयर लॉस, स्किन प्रॉब्लम और डिप्रेशन जैसी बीमारियों में मदद मिलती है।
मसल्स रिलैक्स- ऑफिस में दिन भर बैठे रहने या फिर गलत तरीके से सोने आदि के चलते अक्सर लोगों में मसल्स खिंच जाने की समस्या देखी जाती है। कनिष्ठा उंगली के इस प्वाइंट पर प्रेशर डालने से मसल्स रिलैक्स होती है और कंधों के दर्द और कान से जुड़ी समस्या में भी आराम मिलता है।
साइनस की समस्या- अपने हाथों की तर्जनी उंगली के इस ऊपरी हिस्से पर 2-2 मिनट तक दबाने से साइनस, दांत दर्द और अल्सर की समस्या को नियंत्रित किया जा सकता है।
आंखों की समस्या- आंखों की समस्या को दूर करने के लिए तर्जनी उंगली के नीचे और हथेली के इस हिस्से पर रोज पांच मिनट तक दबाएं।
फेफड़ों की समस्या- हथेली के बीचों बीच यहां पर दबाव डालने से फेफड़ों से जुड़े अस्थमा और ब्रोन्काइटिस के खतरे को कम किया जा सकता है।
लिवर की समस्या- हथेली के इस हिस्से पर 5 मिनट दबाव डालने से लिवर की समस्या दूर की जा सकती है।
यूरिनरी ब्लैडर- यूरिनरी ब्लैडर से जुड़ी समस्याओं को दूर करने के लिए हथेली के इस हिस्से पर 5 मिनट तक दबाये।